लेखनी कहानी -13-May-2024
शीर्षक - क्या अफवाह , क्या हकीकत
क्या अफवाह, क्या हकीकत बस जीवन में हम सभी इसी सोच में जिंदगी जीते हैं मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच कहते हैं हम सभी अफवाह और हकीकत को कभी भी एक साथ नहीं समझ पाते है। क्योंकि जीवन की हकीकत पर अफवाहें एक दूसरे से अलग होती है क्या आप वहां और क्या हकीकत हम जीवन की सोच के साथ चलते हैं क्योंकि हम जीवन में सांसारिक और सामाजिक जिंदगी जीते हैं जिससे हमारे जीवन में एक सच के साथ अफवाहें और हकीकत हमारी अपनी रहती है।
मेरा भाग्य आपको देखकर रमेश सच के साथ-साथ क्या आप वहां और क्या हकीकत के साथ अनीता एक ऑफिस में काम करती है और सभी ऑफिस के कर्मचारी अनीता के साथ-साथ हंसी मजाक और तरह की बातें करते रहते हैं। अनीता बेचारी सभी कर्मचारियों में अकेली औरत होने के साथ सभी का मन बहला देती थी कभी किसी को कुछ कहती थी कभी किसी से कुछ सुन लेती थी जीवन का नाम ही समझौता करना और आज के जीवन में आधुनिक समाज के साथ-साथ हम सभी को अपनी जिंदगी भी जीनी पड़ती है।
क्या अफवाह क्या हकीकत जीवन में सभी के साथ अफवाहें और हकीकत होती है और जो नारी घर से बाहर कदम रखती है। तब जीवन में उसके साथ-साथ तरह-तरह की बातें जिन्हें हम अपवाह कहते हैं। परंतु जीवन की हकीकत कुछ अलग होती है बस क्या अफवाह और क्या हकीकत जीवन के साथ-साथ होती है।
क्या अफवाह क्या हकीकत में बहुत सी मजबूरी और सच भी होते है। हम सभी जीवन और जिंदगी में अगर किसी कार्य क्षेत्र में काम करते हैं या किसी ऑफिस में हम नौकरी करते तब वहां जीवन की अफवाहें और हकीकत होती है मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच कहता है की नारी सम्मान और इज्जत की प्रेरणा होती है परंतु हम सभी आज आधुनिक युग में नारी को एक अफवाह के रूप में अपने साथ जोड़ लेते हैं क्या अफवाह और क्या हकीकत में जीवन का महत्व होता है अनीता भी शायद अपने जीवन में एक सच और अच्छी राह पर चलती थी पर उनके ऑफिस में काम करने वालों के साथ समय व्यतीत करना और अपनी जिंदगी को सही रूप से चलना उसकी एक हकीकत थी क्योंकि आज के समाज में एक अकेली नारी को सम्मान और इज्ज़त के साथ के म ही सोच रखते हैं। क्या अफवाह और क्या हकीकत जीवन में हम सभी रखते हैं। और समाज में रहते हैं। आज के आधुनिक समाज में हम सभी जानते हैं कि सच और झूठ की राह में हम सभी चल रहे हैं बस फर्क इतना है कि कुछ झूठ और सच की राह अपने बचाव में करते हैं। और कुछ लोग इस शोक बना लेते हैं और जिंदगी को क्या अफवाह और क्या हकीकत के साथ छोड़ देते है। परंतु मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच के साथ-साथ हम सभी जीवन में अपनी अपनी कम करने के साथ-साथ फल भी भोगते हैं। अनीता भी अपने घर और परिवार के लिए ऑफिस के कर्मचारियों के साथ हंसी मजाक और एक दूसरे के साथ आना जाना रहता था क्योंकि सांसारिक नियम के अनुसार हम सभी एक दूसरे के मदद भी कुछ स्वार्थ के साथ करते हैं क्योंकि यह मानव की प्रवृत्ति बन गई है बिना स्वार्थ के हम किसी के साथ कुछ नहीं करते हैं।
मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच कहते कहते हैं कि जीवन में क्या अफवाह और क्या हकीकत का सच होता है हम सभी जानते हैं और अनीता तो एक कहानी का किरदार और उदाहरण है न जाने कितनी अनीता और कितने ऑफिस हमारी जिंदगी में क्या अफवाहें और क्या हकीकत कहते हैं क्योंकि आज के दौर में जीवन का सांसारिक रूप भी अफवाहें और हकीकत की साथ-साथ जुड़ चुका है।
अफवाहें और हकीकत भी तो नारी और पुरुष के साथी होती है तब हम सभी जीवन में सांसारिक रूप के साथ-साथ जीवन दिनचर्या की में गुजरते हैं तो क्या अफवाहें और क्या हकीकत हम सभी सो सकते हैं। मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच के साथ अफवाहें और हकीकत से हम सभी गुजरते हैं। मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच में क्या अफवाह, क्या हकीकत के साथ हैं।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
Mohammed urooj khan
14-May-2024 11:25 PM
👌🏾👌🏾👌🏾
Reply
kashish
14-May-2024 09:01 AM
V nice
Reply